समय निकालें भारतीय भाषाओं के लिये
कृष्णने गोवर्धन उठाया तो गोप-गोपियोंने लाठीका टेक दिया - रामने सेतू बाँधा तो गिलहरीने हाथ बँटाया। आप भी हिंदी व भारतीय भाषाओंके लिये योगदान दें। इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट सीखें। यह कक्षा पहली के पाठानुरूप (अआइई, कखगघचछजझ...) चलता है और उतनाही सरल है। फिर आप आठवीं फेल, अंग्रेजी न जाननेवाले बच्चोंको भी पाँच मिनटमें संगणक-टंकन सिखाकर उनकी दुआएँ बटोरिये।

शनिवार, 11 अगस्त 2012

क़लम आज उनकी जय बोल!


क़लम आज उनकी जय बोल! -- राष्ट्रकवि रामधारीसिंह "दिनकर"

जला अस्थियाँ बारी-बारी


छिटकाई जिनने चिनगारी


जो चढ़ गए पुण्य वेदी पर


लिए बिना गर्दन का मोल

क़लम आज उनकी जय बोल!

जो अगणित लघुदीप हमारे


तूफ़ानों में एक किनारे


जल-जल कर बुझ गए किसी दिन


मांगा नहीं स्नेह मुँह खोल


क़लम आज उनकी जय बोल!

पीकर जिनकी लाल शिराएँ


उगल रहीं लू-लपट दिशाएँ


जिनके सिंहनाद से सहमी


धरती रही अभी तक डोल


क़लम आज उनकी जय बोल!

अंधा चकाचौंध का मारा


क्या जाने इतिहास बेचारा


साखी हैं उनकी महिमा के


सूर्य, चंद्र, भूगोल, खगोल


क़लम आज उनकी जय बोल!