समय निकालें भारतीय भाषाओं के लिये
कृष्णने गोवर्धन उठाया तो गोप-गोपियोंने लाठीका टेक दिया - रामने सेतू बाँधा तो गिलहरीने हाथ बँटाया। आप भी हिंदी व भारतीय भाषाओंके लिये योगदान दें। इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट सीखें। यह कक्षा पहली के पाठानुरूप (अआइई, कखगघचछजझ...) चलता है और उतनाही सरल है। फिर आप आठवीं फेल, अंग्रेजी न जाननेवाले बच्चोंको भी पाँच मिनटमें संगणक-टंकन सिखाकर उनकी दुआएँ बटोरिये।

सोमवार, 31 मार्च 2008

तेरी राह.का..उसूल.. ...

तेरी राह का ये उसूल है
के शिकस्त माने तो फतह हो
जो चला अकड के वो गिर पडा,
जो झुका लरजके, उबर गया।
-- On a truck-back
Seen in Jalgaon

4 टिप्‍पणियां:

HAREKRISHNAJI ने कहा…

एक बात शिकस्त पर.

रहे जुस्तजू में थक कर न कभी शिकस्त खाई
हुई राह मे न हाइल मेरी ये शिकस्ता पाई ॥

लीना मेहेंदळे ने कहा…

Is it राहे जुस्तजू ?

What is the 2nd line?

HAREKRISHNAJI ने कहा…

मला ही वाटते ते राहे असायला हवे. पण पुस्तकात असेच लिहीले आहे.

ज़रीना सानी यांचा हा शेर आहे

लीना मेहेंदळे ने कहा…

असेल. ऊर्दूत चालत. जसे की रहगुजर
पण दुसरी ओळ कळली नाही.