समय निकालें भारतीय भाषाओं के लिये
कृष्णने गोवर्धन उठाया तो गोप-गोपियोंने लाठीका टेक दिया - रामने सेतू बाँधा तो गिलहरीने हाथ बँटाया। आप भी हिंदी व भारतीय भाषाओंके लिये योगदान दें। इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट सीखें। यह कक्षा पहली के पाठानुरूप (अआइई, कखगघचछजझ...) चलता है और उतनाही सरल है। फिर आप आठवीं फेल, अंग्रेजी न जाननेवाले बच्चोंको भी पाँच मिनटमें संगणक-टंकन सिखाकर उनकी दुआएँ बटोरिये।

सोमवार, 28 मई 2012

मुझे कभी कभी सपना ये आये, पाँव पडूँ तोरे शाम, बता दो कोई कौन गली,


 मुझे कभी कभी सपना ये आये कि शाम मेरी गलियोंमें बांसरी बजाये ।।

 सुधबुध भूलके मैं जाऊँ दौडी दौडी, अँखियाँ बावरी मैं खोलूँ थोडी थोडी
अँखियाँ खोली खोली फिरूँ मैं गली गली, फिर भी कान्हा नजर नही आये।।

चढ गया हाथ अगर एक दिन छलिया, देखना छीन लूँगी उसकी मुरलिया,
लाख अरज करे नैना नीर बहाए, चाहे कैसे बहाने वो बनाए ।।

सपनों की डोर में पिरोई मैंने कलियाँ जाने मनाए कहाँ शांम रंगरलियाँ
मेरे मोहनका पता ला दे कोई जरा, प्यारकी माला न कुम्हला जाये ।।
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Paon padu tore shyam brij main laut chalo BY Mohammad Rafi

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Bata Do Koi Kaun Gali Gaye Shyam- Manna Dey (Madhu)


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बाला मैं बैरागन हूँगी।

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